उत्तराखंड में हेलिकॉप्टर हादसा: केदारनाथ जा रहे हेलिकॉप्टर की दुर्घटना में 5 श्रद्धालुओं की मौत

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गौरीकुंड/देहरादून, 15 जून 2025 | विशेष रिपोर्ट
उत्तराखंड के चारधाम यात्रा मार्ग पर आज एक बड़ा हादसा हो गया, जब आर्यन एविएशन का एक हेलिकॉप्टर, जो गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम की ओर जा रहा था, गौरीकुंड-सोनप्रयाग के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि हेलिकॉप्टर में कुल 6 लोग सवार थे।

दुर्घटनास्थल: दुर्गम और ऊंचाई वाला इलाका

घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस और NDRF की टीमें रेस्क्यू के लिए रवाना कर दी गईं, लेकिन घटना स्थल अत्यधिक ऊंचाई और जंगलों के बीच होने के कारण टीमों को पहुंचने में समय लग रहा है।

मौसम भी बड़ा कारक बन रहा है। क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से घना कोहरा, तेज हवाएं और अस्थिर मौसम उड़ानों के संचालन में बाधा बना हुआ है।


संभावित कारण: खराब मौसम और ओवरलोडिंग

प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, हेलिकॉप्टर में अधिकतम सीमा से अधिक वजन हो सकता है। हल्के विमानों में ओवरलोडिंग टेक्निकल बैलेंस, इंजन पर दबाव और नियंत्रण में गड़बड़ी ला सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस रूट पर:

  • खराब मौसम में उड़ान लेना अत्यधिक जोखिमपूर्ण होता है
  • यात्रियों की संख्या और वजन की मॉनिटरिंग सख्ती से होनी चाहिए
  • रीयल-टाइम मौसम डेटा की अनुपलब्धता खतरा बढ़ाती है

प्रशासन की प्रतिक्रिया: उच्च स्तरीय जांच के आदेश

उत्तराखंड के ADG (कानून व्यवस्था) डॉ. वी. मुरुगेशन ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया:

आर्यन एविएशन का एक हेलिकॉप्टर लापता था, जिसकी क्रैश साइट अब लोकेट कर ली गई है। 6 लोग सवार थे, जिनमें से 5 की मौत की पुष्टि हुई है।

राज्य सरकार ने DGCA को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है और हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। DGCA के विशेषज्ञों की एक टीम जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगी।


चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा पर गंभीर सवाल

यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब चारधाम यात्रा चरम पर है, और केदारनाथ यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं का व्यापक उपयोग हो रहा है।

प्रमुख चिंताएं जो उठ रही हैं:

  • क्या हेलिपैड से टेकऑफ से पहले सुरक्षा जांच पर्याप्त थी?
  • क्या मौसम की पूर्व चेतावनी और रीयल-टाइम अपडेट मिल रहे थे?
  • ओवरलोडिंग की जिम्मेदारी किसकी है – पायलट, ग्राउंड स्टाफ या ऑपरेटर की?
  • क्या फ्लाइट ट्रैकिंग और एटीसी (Air Traffic Control) निगरानी सक्रिय थी?

जनता और प्रशासन के लिए अगला कदम

राज्य सरकार और DGCA को चाहिए कि:

  • हर उड़ान से पहले मौसम रिपोर्ट अनिवार्य करें
  • ओवरलोडिंग पर सख्त निगरानी और दंडात्मक नीति लागू करें
  • उड़ान के वीडियो और डेटा लॉग जनता के सामने प्रस्तुत करें
  • मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता और पारदर्शी सूचना दी जाए

श्रद्धांजलि और संवेदना

इस हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना।
चारधाम यात्रा की पवित्रता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोपरि रखना हर एजेंसी और ऑपरेटर की सामूहिक जिम्मेदारी है।

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