पटना/दानापुर | 16 जून
दानापुर में शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किए गए एक महादलित युवक की मौत इलाज के दौरान पीएमसीएच में हो गई। मृतक की पहचान सुनील मांझी के रूप में हुई है, जिन्हें 9 जून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शनिवार रात को पीएमसीएच में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, जिसके बाद रविवार सुबह परिजनों ने उपकारा गेट और थाना परिसर में जमकर हंगामा किया।
क्या है पूरा मामला?
सुनील मांझी की पत्नी के अनुसार,
“9 जून की शाम को पुलिस ने मेरे पति को शराब पीने के आरोप में पकड़ा था। वह पहले से ही फरका रोग (ट्यूबरकुलोसिस) से पीड़ित थे। अगले दिन यानी 10 जून को जब उन्हें जेल भेजा जा रहा था, तभी थाना गेट पर ही वह बेहोश होकर गिर पड़े। इसके बावजूद पुलिस ने उनका इलाज नहीं कराया और सीधे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।”
परिजनों का गंभीर आरोप
परिजनों का कहना है कि पुलिस ने मौके से कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से चार लोगों को पैसे लेकर छोड़ दिया गया, लेकिन सुनील और एक अन्य युवक घमंडी मांझी को जेल भेज दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि रिहाई के बदले पुलिस ने दो हजार रुपये की मांग की थी, जो नहीं दिए जाने पर उन्हें जेल भेजा गया।
इलाज और मौत का सिलसिला
उपकारा अधीक्षक अनिल कुमार ने जानकारी दी कि
“सुनील मांझी और घमंडी मांझी को 10 जून को उत्पाद अधिनियम के तहत जेल लाया गया था। तबीयत बिगड़ने पर सुनील को जेल अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया।
14 जून को हालत गंभीर होने पर उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया और फिर पीएमसीएच रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।”
थाने और जेल गेट पर बवाल
रविवार सुबह जैसे ही सुनील मांझी की मौत की खबर परिजनों को मिली, उन्होंने पहले उपकारा गेट पर हंगामा किया, फिर दानापुर थाना पहुंचकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। परिजनों की मांग है कि इस मामले की न्यायिक जांच हो और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए।
- महादलित युवक की पुलिस हिरासत के बाद इलाज के दौरान मौत
- परिजनों ने लगाया पैसे लेकर छोड़ने और बीमार हालत में जेल भेजने का आरोप
- उपकारा और थाना गेट पर आक्रोश और हंगामा
- पुलिस और जेल प्रशासन अपने-अपने स्तर पर सफाई में जुटे






